Wednesday, 21 November 2012
हर्षोल्लास से मनाया गया बू अली शाह कलंदर साहिब का उर्स
इन्द्री। हजरत इलाही बू अली शाह कलंदर साहिब की दरगाह पर सालाना उर्स मुबारक कव्वाली की महफिल के साथ समापन हो गया। इस उर्स के मौके पर दरगाह कमेटी की ओर शहर में शोभायात्रा निकाल कर शहर को कलंदरमय बना दिया । उर्स मुबारक पर कव्वाली विशेष महत्व रखती है। दरगाह पर सालाना उर्स मुबारक दो दिन तक जारी रहता है और दोनो ही दिन कव्वाली की महफिल भी सजाई गई।
इस कव्वाली की महफिल में कई कव्वालों ने बाबा कलंदर साहिब का गुणगान कर श्रोताओं को बांधे रखा। कव्वाली की महफिल में कलाकार इकरार भारती मुजफरनगर व जुनेज साबरी ने अपने फन का जादू इस तरह से बिखेरा कि श्रोतागण झूम उठें। बू अली शाह कलंदर साहिब के उर्स पर दमा-दमा मस्त कलन्दर अली दा पहला नम्बर की कव्वाली का जलवा कुछ ओर ही होता है। कोइे भी कव्वाल इस कलाम को गाए बिना नही रह सकता। शोभा-यात्रा मे बाबा जी की शान मे पंखा निकाला गया । शोभायात्रा वार्ड एक दरबार कलंदर साहिब संत कालोनी से सुबह 11 बजे प्रारम्भ हो कर यह शोभा-यात्रा मेन बाजार, शहीद उधम सिंह चोक गढ़ी बीरबल रोड, सब्जी-मण्डी, नया बाजार मटक माजरी अड्डे से होती हुई शाम को 3 बजे दरगाह शरीफ पर पहुंची इस शोभा-यात्रा में बाबा जी की पालकी, रथ-बग्गी, पंखो, चदरों, हिन्दू, मुस्लिम,सिक्ख, ईसाई व भारत माता की झांकी आपस में भाई-चारे का प्रतीक दर्शा रही थी । इस शोभा-यात्रा में विभिन्न प्रकार की झांकियां रामफूल शास्त्री मैमोरियल पब्लिक स्कूल व सैंट सिमरण पब्लिक स्कूल इन्द्री ने प्रस्तुत की। बाबा जी के चमत्कार से जुडी झांकियों को बनाने मे तिलक राज, सचिन गोयल, प्रवीन कुमार, नफे सिंह, गुरमीत सिंह, चरण सिंह का विशेष सहयोग रहा। शोभा-यात्रा में करनाल के मशहूर बैंड ने अपनी धुनों से दमा दम मस्त कलंदर की कवाली प्रस्तुत की, जिससे दर्शक झूम उठे । कई जगह पर शोभा यात्रा का स्वागत भी किया गया। जन जागृति मंच की ओर से शोभा-यात्रा मे शामिलश्रद्धालुगणों को फल वितरित किए। जिस समय शोभा-यात्रा मटक-माजरी अड्डे पर पहुंची तो उस समय फूलों की चादर को सजाकर शोभा-यात्रा में शामिल किया गया। शोभा-यात्रा के दरगाह शरीफ पर पहुंचते ही शोभा-यात्रा का धूमधाम से स्वागत किया गया । शोभा-यात्रा में शामिल हुई चदरें और पंखें दरगाह शरीफ पर चढ़ाई गई । शोभा यात्रा जिस समय दरगाह शरीफ पर पहुंची उस समय हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण उमड़ पड़े । गौरतलब रहे कि इस उर्स में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल-प्रदेश, राजस्थान, उत्तर-प्रदेश व छतीसगढ़ के श्रद्धालुगण बाबा जी की सेवा में पहुंचकर अपनी हाजरी लगाते है ओर दिल से सेवा करते हंै इस सालाना उर्स मुबारक के दो दिन तक चले कार्यक्रम में कई समाजसेवी व राजनैतिक नेताओं ने दरगाह शरीफ पर माथा टेक कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की दुआ मांगी। इस अवसर पर विशेष रूप से कांगे्रसी नेता अमी चंद काम्बोज, समाज सेवक राजीव रंगीला, पूर्व मंत्री भीम सेन मेहता, सुनील पंवार, महिन्द्र पंजोखरा, इनेलो नेता सरदार इन्द्रजीत सिंह गोल्डी, प्रदीप काम्बोज, धीरज कुमार, सुभाष काम्बोज, कमल चहल, काला वोहरा व अशोक धूडिया आदि मौजूद रहें। दरगाह कमेटी के उपप्रधान सुभाष जिन्दल ने इस उर्स मुबारक मे सहयोग करने वालें सभी लोगो का आभार व्यक्त किया।
इस कव्वाली की महफिल में कई कव्वालों ने बाबा कलंदर साहिब का गुणगान कर श्रोताओं को बांधे रखा। कव्वाली की महफिल में कलाकार इकरार भारती मुजफरनगर व जुनेज साबरी ने अपने फन का जादू इस तरह से बिखेरा कि श्रोतागण झूम उठें। बू अली शाह कलंदर साहिब के उर्स पर दमा-दमा मस्त कलन्दर अली दा पहला नम्बर की कव्वाली का जलवा कुछ ओर ही होता है। कोइे भी कव्वाल इस कलाम को गाए बिना नही रह सकता। शोभा-यात्रा मे बाबा जी की शान मे पंखा निकाला गया । शोभायात्रा वार्ड एक दरबार कलंदर साहिब संत कालोनी से सुबह 11 बजे प्रारम्भ हो कर यह शोभा-यात्रा मेन बाजार, शहीद उधम सिंह चोक गढ़ी बीरबल रोड, सब्जी-मण्डी, नया बाजार मटक माजरी अड्डे से होती हुई शाम को 3 बजे दरगाह शरीफ पर पहुंची इस शोभा-यात्रा में बाबा जी की पालकी, रथ-बग्गी, पंखो, चदरों, हिन्दू, मुस्लिम,सिक्ख, ईसाई व भारत माता की झांकी आपस में भाई-चारे का प्रतीक दर्शा रही थी । इस शोभा-यात्रा में विभिन्न प्रकार की झांकियां रामफूल शास्त्री मैमोरियल पब्लिक स्कूल व सैंट सिमरण पब्लिक स्कूल इन्द्री ने प्रस्तुत की। बाबा जी के चमत्कार से जुडी झांकियों को बनाने मे तिलक राज, सचिन गोयल, प्रवीन कुमार, नफे सिंह, गुरमीत सिंह, चरण सिंह का विशेष सहयोग रहा। शोभा-यात्रा में करनाल के मशहूर बैंड ने अपनी धुनों से दमा दम मस्त कलंदर की कवाली प्रस्तुत की, जिससे दर्शक झूम उठे । कई जगह पर शोभा यात्रा का स्वागत भी किया गया। जन जागृति मंच की ओर से शोभा-यात्रा मे शामिलश्रद्धालुगणों को फल वितरित किए। जिस समय शोभा-यात्रा मटक-माजरी अड्डे पर पहुंची तो उस समय फूलों की चादर को सजाकर शोभा-यात्रा में शामिल किया गया। शोभा-यात्रा के दरगाह शरीफ पर पहुंचते ही शोभा-यात्रा का धूमधाम से स्वागत किया गया । शोभा-यात्रा में शामिल हुई चदरें और पंखें दरगाह शरीफ पर चढ़ाई गई । शोभा यात्रा जिस समय दरगाह शरीफ पर पहुंची उस समय हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण उमड़ पड़े । गौरतलब रहे कि इस उर्स में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल-प्रदेश, राजस्थान, उत्तर-प्रदेश व छतीसगढ़ के श्रद्धालुगण बाबा जी की सेवा में पहुंचकर अपनी हाजरी लगाते है ओर दिल से सेवा करते हंै इस सालाना उर्स मुबारक के दो दिन तक चले कार्यक्रम में कई समाजसेवी व राजनैतिक नेताओं ने दरगाह शरीफ पर माथा टेक कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की दुआ मांगी। इस अवसर पर विशेष रूप से कांगे्रसी नेता अमी चंद काम्बोज, समाज सेवक राजीव रंगीला, पूर्व मंत्री भीम सेन मेहता, सुनील पंवार, महिन्द्र पंजोखरा, इनेलो नेता सरदार इन्द्रजीत सिंह गोल्डी, प्रदीप काम्बोज, धीरज कुमार, सुभाष काम्बोज, कमल चहल, काला वोहरा व अशोक धूडिया आदि मौजूद रहें। दरगाह कमेटी के उपप्रधान सुभाष जिन्दल ने इस उर्स मुबारक मे सहयोग करने वालें सभी लोगो का आभार व्यक्त किया।
शोभा-यात्रा मे बाबा जी की शान मे पंखा निकाला गया
इन्द्री
सर्व धर्म एकता का प्रतीक हजरत इलाही बू अली शाह कलंदर साहिब की दरगाह पर इन्द्री में चल रहें सालाना उर्स मुबारक व भंडारे पर आज एक विशेष शोभा-यात्रा निकाली गई । शोभा-यात्रा मे बाबा जी की शान मे पंखा निकाला गया । शोभायात्रा वार्ड एक दरबार कलंदर साहिब संत कालोनी से सुबह 11 बजे प्रारम्भ हो कर यह शोभा-यात्रा मेन बाजार, शहीद उधम सिंह चोक गढ़ी बीरबल रोड, सब्जी-मण्डी, नया बाजार मटक माजरी अड्डे से होती हुई शाम को 3 बजे दरगाह शरीफ पर पहुंची इस शोभा-यात्रा में बाबा जी की पालकी, रथ-बग्गी, पंखो, चदरों, हिन्दू, मुस्लिम,सिक्ख, ईसाई व भारत माता की झांकी आपस में भाई-चारे का प्रतीक दर्शा रही थी । इस शोभा-यात्रा में विभिन्न प्रकार की झांकियां भी प्रस्तुत की गई । शोभा-यात्रा में करनाल के मशहूर बैंड ने अपनी धुनों से दमा दम मस्त कलंदर की कवाली प्रस्तुत की, जिससे दर्शक झूम उठे ।
कई जगह पर शोभा यात्रा का स्वागत भी किया गया। जन जागृति मंच की ओर से शोभा-यात्रा शामिलश्रद्धालुगणों को फल वितरित किए। जिस समय शोभा-यात्रा मटक-माजरी अड्डे पर पहुंची तो उस समय फूलों की चादर को सजाकर शोभा-यात्रा में शामिल किया ।
शोभा-यात्रा के दरगाह शरीफ पर पहुंचते ही शोभा-यात्रा का स्वागत किया गया । शोभा-यात्रा में शामिल हुई चदरें और पंखें दरगाह शरीफ पर चढ़ाई गई । शोभा यात्रा जिस समय दरगाह शरीफ पर पहुंची उस समय हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण उमड़ पड़े । गौरतलब रहे इस उर्स में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल-प्रदेश, राजस्थान, उत्तर-प्रदेश के श्रद्धालुगण बाबा जी की सेवा में पहुंचकर अपनी हाजरी लगाते है ओर दिल से सेवा करते हंै । आज सुबह से ही दरगाह शरीफ पर रोनक होनी शुरू हो गई थी । सुबह से ही भंडारे में मि_े चावल का प्रसाद तथा लोगों ने लंगर खूब चखा । इस अवसर पर पूर्व मंत्री भीम सेन मेहता, महिंद्र सिंह पंजोखरा, समाज सेवी राजीव कुमार, प्रदीप काम्बोज, राजेश लाठर सहित काफी सख्या में लोगों ने पहुंच कर दरगाह शरीफ पर माथा टेक कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की दुआ मांगी। इस अवसर पर सुभाष जिन्दल, पवन गोयल, राजीव गोयल, अजमेर सिंह नम्बरदार, जय सिंह, अशोक कुमार, रामेश्वर, मान सिंह, सुरजीत सिंह, गुरमीत सिंह, मदन सिंह, राम प्रकाश, नाथी राम, परमिन्द्र, नवल, पवन काम्बोज, कर्म सिंह, राजपाल,सुनील कुमार, सुभाष टिकरी, विनोद कुमार, दलीप कुमार छतीसगढ़,व श्रवन गुप्ता मौजूद थे।
Friday, 16 November 2012
Thursday, 18 October 2012
Wednesday, 10 October 2012
साम्प्रदायिक सौहार्द की प्रतीक कलन्दर की दरगाहें

सालाना उर्स मुबारक एवं भंडारा 17 व 18 नवम्बर को
साम्प्रदायिक सौहार्द की प्रतीक कलन्दर की दरगाहें
इन्द्री
हजरत
इलाही बू अली शाह कलंदर साहिब की इन्द्री स्थित दरगाह पर सालाना उर्स
मुबारक एवं भंडारा 17 व 18 नवम्बर को बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा है । इस
दरगाह पर होने वाले सभी कार्यक्रम दरगाह कमेटी प्रधान एवं गुरु महाराज
राजकुमार की देखरेख में किये जाते है । राज कुमार जी को आज से 38 वर्ष
पूर्व कलंदर साहिब स्वप्न में आकर कहा था कि उनकी दरगाह इन्द्री में भी है ।
इससे पूर्व वह पानीपत स्थित दरगाह पर मत्था टेकने जाते थे । उसके बाद
उन्होंने इन्द्री की दरगाह पर जाना आरम्भ किया और तभी से यहाँ पर भंडारा व
उर्स मुबारक मनाने का सिलसिला शुरु हुआ । आज इस उर्स मुबारक ने विशाल रूप
धारण कर लिया हैं बाबा जी के उर्स पर देश के कई जाने माने कव्वाल बाबा जी
की महिमा का गुणगान करेंगे । इस अवसर पर एक विशाल शोभा यात्रा भी निकली
जाएगी , जिसमे बाबा जी पालकी ,हाथी की सवारी , रथ बग्गी व पंखो के अलावा
बैंड आदि को शामिल किया जायेगा । यह शोभा यात्रा वार्ड नं0 1 दरबार कलंदर
साहिब से शुरू होकर शहर के विभन्न रास्तो से होते हुए शाम को दरगाह शरीफ पर
पहुंचेगी । इस उर्स में हरियाणा ,पंजाब ,राजस्थान ,हिमाचल प्रदेश ,मध्य
प्रदेश से श्रद्धालुगण आकर बाबा जी की दरगाह पर मत्था टेक कर अपनी मनोकामना
पूर्ण होने की दुआ मांगते है । हजरत बू अली शाह कलंदर साहिब की चार
दरगाहें पानीपत ,करनाल,बुढा खेडा और इन्द्री में स्थित है। इनकी मुख्य
दरगाह पानीपत में स्थित है। इन चारो दरगाहो में बू अली शाह कलंदर साहिब
की मजार है । यह विवाद का विषय है की इनको इंतकाल के बाद कहां दफनाया
गया । कहा जाता है की बू अली शाह कलंदर जब पानीपत से बुढाखेडा आये तो समीप
ही एक यमुना नदी बहती थी। वहां एक जगह खड़े होकर इन्होने 12 वर्ष तक खुदा
की इबादत की । 12 वर्ष के बाद खुदा ने इनसे पूछा की तुझे क्या चाहिए तो
इन्होने कहा कि मुझे इजरत इलाही की ताकत चाहिए । खुदा ने कहा कि वह तो मुझे
एक बार देनी थी, सो दे चुका हूं पर तुझे मै हजरत अली शाह की बू देता
हूं इस कारण इसका नाम बू अली शाह कलंदर पड़ा । इनका वास्तविक नाम सरफुदीन
था ।ं बूढ़ाखेडा व पानीपत से इनके कुछ रोचक किस्से जुड़े है । कहते है कि
एक बार हजरत निजामुदीन ओलिया शेर की सवारी कर बूढ़ा खेडा आये तो उस समय बू
अली शाह कलंदर दीवार पर बैठे मंजन कर रहे थे । ओलिया को देखते ही दीवार को
आदेश दिया मेहमान नवाजी के लिए 72 कदम आगे चल । यह कलंदर का चमत्कार ही
था की दीवार 72 कदम आगे चली और कलंदर दीवार से उतरकर ओलिया से गले मिले ।
बूढ़ा खेडा स्थित दरगाह मे मुलाकात की वह दीवार आज भी देखी जा सकती हैं
ओलिया को अपनी करामत पर अहंकार था , उसने कलंदर साहिब को कहा कि मेरे शेर
के लिए भोजन कि व्यवस्था करें । कलंदर साहिब ने कहा की शेर को मेरी
गौशाला मै छोड़ दो वह खुद भोजन कर लेगा । अगली सुबह निजामुदीन ओलिया को जब
गौशाला मे अपना शेर नही पाया तो ओलिया ने कलंदर साहिब को कहा की मेरा शेर
गायब है । उसे वापिस दिलवाओ । कलंदर साहिब ने कहा कि आप मे इतनी करामात
हैं तो आप अपने शेर को तलाश लो,लेकिन उनको जब कही पर भी अपना शेर नही मिला
तो उन्होने कलंदर साहिब से फरियाद कि की उनका शेर वापिस कर दो तब कलंदर
साहिब ने गाय से कहा की इनका शेर वापिस कर दो । जैसे ही गाय ने अपना खोला
मुह तो शेर बाहर निकल पड़ा । कलंदर साहिब का चमत्कार देखकर ओलिया का
अहंकार ख़त्म हो गया और ओलिया ने कलंदर साहिब से क्षमा याचना की ।
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बाबा जी के उर्स पर देश के कई जाने माने कव्वाल बाबा जी की खिदमत मे कलाम पेश किए जायेगें। इन्द्री हजरत इलाही बू अली शाह कलन्दर साहिब ...
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सालाना उर्स मुबारक एवं भंडारा 17 व 18 नवम्बर को साम्प्रदायिक सौहार्द की प्रतीक कलन्दर की दरगाहें इन्द्री हजरत इलाही बू अली शाह क...